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अर्पणा दीप्ति: August 2010
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अर्पणा दीप्ति. शनिवार, 21 अगस्त 2010. प्रेम के लिए देह नहीं, देह के लिए प्रेम ज़रूरी! मैत्रेयी पुष्पा. मैत्रेयी पुष्पा का 2004 में प्रकाशित उपन्यास. कही ईसुरी फाग'. बड़ा खतरनाक होता है, जंगलों , पहाड़ों और समुद्र का आदिम सम्मोहन .हम बार-बार उधर भागते हैं किसी अज्ञात के दर्शन के लिए ।'. दर्शक उठकर खड़े हो जाते हैं रघु नगड़िया वाला आकर कहता है -. काकी के कोप का आधार? ईसुरी ने अपनी ओर से रज्जो को नाम दिया - रजऊ ।. रज्जो सास के हाथों पर घाव के भयानक...काकी हम जिस रजऊ का नाम फ...सरस्वती दे...मीर...
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अर्पणा दीप्ति: April 2013
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अर्पणा दीप्ति. रविवार, 21 अप्रैल 2013. समकालीन विमर्श से जुझती कहानियाँ. समकालीन विमर्श से जुझती कहानियाँ. अर्पणा दीप्ति. 8217;शायद’. में लेखक कहते हैं. मैं अपने को लिक्खाड़ या आशू लेखक नहीं मानता संभवत: इसलिए लेखन में ठहराव महसूस होने से मन बैचेन होने लगता है।". इसी लेखकीय बैचेनी का प्रमाण है. 8217;कोलाज’(२०१३). की ताजातरीन सोलह कहानियाँ।. 8217;गर्द के गुब्बारे’. 8217;अकेली औरत’. 8217;सप्तशृंगी’. उनके इस बदलते रूपों के मद्देनजर बाजार के व...कैरियर, बॉस और विदेश के ब&#...2404; इस कहानी कí...वर्...
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अर्पणा दीप्ति: March 2013
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अर्पणा दीप्ति. रविवार, 24 मार्च 2013. मातृत्व वरदान या अभिशाप. मातृत्व स्त्री जीवन की परिपूर्णता है, किंतु अगर उसे व्यापार बना दिया जाए; तो ’माँ’ की पवित्रता के साथ इससे गन्दा एवं भद्दा मजाक और क्या हो सकता है? यहाँ यह प्रश्न उठना स्वभाविक है कि सरोगेसी है क्या? प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: आलेख. मंगलवार, 19 मार्च 2013. स्त्री लेखन और स्त्री की सामाजिक स्थिति. 8217;अल्मा कबूतरी’. 8217;कस्तूरी कुंडल बसै’. मैत्रेयी पुष्पाजी:. 8217;मैला आँचल’. 2404; तुम देखो. अगर यह कहा...
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अर्पणा दीप्ति: April 2011
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अर्पणा दीप्ति. गुरुवार, 14 अप्रैल 2011. सहजता में गहराई: 'अहसासों के अक्स'. डॉ.शकुंतला किरण. की पुस्तक. 8217;अहसासों के अक्स’. घावों का सागर अति गहरा,/सपनों पर विरहा का पहरा,/ फिर विरहिन के नयनों में यह-/ निंदिया क्यों घिर आई ।". मुक्ति थी जिसके बंधंन में.पृ.सं.19). शब्द तुम्हारे दे रहे, यूँ अब भी अधिकार।/अर्थ दूर क्यों जा बसे, सात समन्दर पार ॥". अर्थ दूर क्यों जा बसे.पृ.सं.11). यह कैसी नियति है! अभिशप्त-पृ.सं.69). कहने को तो हम आज स्त्री सशक्तीकरण की...बधाई लो मनु अपनी इस सफलत...जहाँ एक त...विर...
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अर्पणा दीप्ति: December 2012
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अर्पणा दीप्ति. सोमवार, 10 दिसंबर 2012. अल्मा कबूतरी में सामाजिक यथार्थ. अर्पणा दीप्ति. मैत्रेयी पुष्पा कृत ’अल्मा कबूतरी’. घोषित कर दिया था। यह प्रथा आज तक चली आ रही है। डॉ. डी. एन मजमूदार के अनुसार-. मैत्रेयी पुष्पा ने 'अल्मा कबूतरी'. 8217;अल्मा कबूतरी’. १जात-पात तथा ऊँच-नीच की समस्या. २अनैतिक संबंधों की समस्या. ३अंधविश्वास की समस्या. ४निर्धनता एंव बेरोजगारी की समस्या. ५अशिक्षा. जाति घोषित कर न केवल तथाकथित ’सभ्य समाज’. समाज से जिन्हें वे ’कज्जा...औ र ’कबूतरा’. बनने की कोशिश...अ)"इज्जत बच...
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अर्पणा दीप्ति: August 2014
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अर्पणा दीप्ति. शनिवार, 16 अगस्त 2014. 8220;His sophism as moralist, sociologist and legislator reaches new heights…. Seduced by a false religion, beheld as a criminal, I reduce our labour to very little. Let us creat few laws; but let them be good….”. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. शुक्रवार, 1 अगस्त 2014. जीवन की कटुताएँ. दुर्घटनाओं का गरल पिया. स्थितियों का विष! कितना तीखा. जीवन की कटुताएँ तीखी. इनके सम्मुख विष भी फीका. मन है या यह रणस्थली. यह शोर कहाँ है? नई पोस्ट. तेल...
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अर्पणा दीप्ति: November 2010
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अर्पणा दीप्ति. सोमवार, 1 नवंबर 2010. राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास संस्थान में हिंदी-समारोह. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: फोटो. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मेरी ब्लॉग सूची. अर्पणा दीप्ति. तेलुगु ग्राम-जीवन की कहानियाँ. सागरिका. गर्भ में. पंक्तियाँ. अमेरिका में उग्र विरोधप्रदर्शन क्यों. हिंदी सबके लिए HINDI FOR ALL. बहुत दिन बीते . ऋषभ की कविताएँ. प्रफुल्लता. पूर्णिमा. पकने लगी फसल, रीझता किसान. चिट्ठा चर्चा. नव्यदृष्टि.
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अर्पणा दीप्ति: October 2013
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अर्पणा दीप्ति. शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2013. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: आलेख. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मेरी ब्लॉग सूची. अर्पणा दीप्ति. तेलुगु ग्राम-जीवन की कहानियाँ. सागरिका. ई-पीजी पाठशाला : गुर्रमकोंडा नीरजा : ई-पाठ : 6] लोक सुभाषितों में लोक मानस और समाज. गर्भ में. पंक्तियाँ. अमेरिका में उग्र विरोधप्रदर्शन क्यों. हिंदी सबके लिए HINDI FOR ALL. बहुत दिन बीते . ऋषभ की कविताएँ. प्रफुल्लता. पूर्णिमा. नव्यदृष्टि. स्रवंति.
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अर्पणा दीप्ति: April 2012
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अर्पणा दीप्ति. रविवार, 29 अप्रैल 2012. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मेरी ब्लॉग सूची. अर्पणा दीप्ति. तेलुगु ग्राम-जीवन की कहानियाँ. सागरिका. ई-पीजी पाठशाला : गुर्रमकोंडा नीरजा : ई-पाठ : 6] लोक सुभाषितों में लोक मानस और समाज. गर्भ में. पंक्तियाँ. अमेरिका में उग्र विरोधप्रदर्शन क्यों. हिंदी सबके लिए HINDI FOR ALL. बहुत दिन बीते . ऋषभ की कविताएँ. प्रफुल्लता. पूर्णिमा. चिट्ठा चर्चा. नव्यदृष्टि. स्रवंति.
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अर्पणा दीप्ति: January 2012
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अर्पणा दीप्ति. रविवार, 29 जनवरी 2012. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. इस संदेश के लिए लिंक. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इस संदेश के लिए लिंक. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मेरी ब्लॉग सूची. अर्पणा दीप्ति. तेलुगु ग्राम-जीवन की कहानियाँ. सागरिका. ई-पीजी पाठशाला : गुर्रमकोंडा नीरजा : ई-पाठ : 6] लोक सुभाषितों में लोक मानस और समाज. गर्भ में. पंक्तियाँ. अमेरिका में उग्र विरोधप्रदर्शन क्यों. हिंदी सबके लिए HINDI FOR ALL. बहुत दिन बीते . ऋषभ की कविताएँ. स्रवंति.