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हिन्द-युग्म Hindi Kavita

हिन्द-युग्म. बाल-उद्यान. हिन्दी-ख़बरें. चित्रावली. फटाफट (25 नई पोस्ट):. Thursday, June 04, 2015. क्यूँ बांधते हो. अपने को.…. अपनों को।. बंधन के तीन कारण. भाव, स्वभाव और अभाव. और दो विकल्प है ,. मन और जिस्म।. मन की गति अद्भुत है.…. जब अपना न बन्ध सका ,. तो पराये पर जोर कैसा? बंधना - बांधना छोड़ो- -दृष्टा बनो . क्या कहा? बंधोगे जिस्म को . अरे उसकी गति तो. मन से भी द्रुत है. फ़ना हो जायेगा. और पता भी नहीं चलेगा।. फटाफट अपनी राय देः. प्रेषक : Vinaykant Joshi. 68 टिप्पणी. Wednesday, February 11, 2015. और ह...

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हिन्द-युग्म. बाल-उद्यान. हिन्दी-ख़बरें. चित्रावली. फटाफट (25 नई पोस्ट):. Thursday, June 04, 2015. क्यूँ बांधते हो. अपने को.…. अपनों को।. बंधन के तीन कारण. भाव, स्वभाव और अभाव. और दो विकल्प है ,. मन और जिस्म।. मन की गति अद्भुत है.…. जब अपना न बन्ध सका ,. तो पराये पर जोर कैसा? बंधना - बांधना छोड़ो- -दृष्टा बनो . क्या कहा? बंधोगे जिस्म को . अरे उसकी गति तो. मन से भी द्रुत है. फ़ना हो जायेगा. और पता भी नहीं चलेगा।. फटाफट अपनी राय देः. प्रेषक : Vinaykant Joshi. 68 टिप्पणी. Wednesday, February 11, 2015. और ह&#23...
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हिन्द-युग्म Hindi Kavita | kavita.hindyugm.com Reviews

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हिन्द-युग्म. बाल-उद्यान. हिन्दी-ख़बरें. चित्रावली. फटाफट (25 नई पोस्ट):. Thursday, June 04, 2015. क्यूँ बांधते हो. अपने को.…. अपनों को।. बंधन के तीन कारण. भाव, स्वभाव और अभाव. और दो विकल्प है ,. मन और जिस्म।. मन की गति अद्भुत है.…. जब अपना न बन्ध सका ,. तो पराये पर जोर कैसा? बंधना - बांधना छोड़ो- -दृष्टा बनो . क्या कहा? बंधोगे जिस्म को . अरे उसकी गति तो. मन से भी द्रुत है. फ़ना हो जायेगा. और पता भी नहीं चलेगा।. फटाफट अपनी राय देः. प्रेषक : Vinaykant Joshi. 68 टिप्पणी. Wednesday, February 11, 2015. और ह&#23...

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हिन्द-युग्म Hindi Kavita: सीमा गुप्ता का बयान 'मोहब्बत न कर'

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हिन्द-युग्म. बाल-उद्यान. हिन्दी-ख़बरें. चित्रावली. फटाफट (25 नई पोस्ट):. Tuesday, December 04, 2007. सीमा गुप्ता का बयान 'मोहब्बत न कर'. साहित्य से अलग इनकी दो पुस्तकें 'गाइड लाइन्स इंटरनल ऑडटिंग फॉर क्वालिटी सिस्टम'. और 'गाइड लाइन्स फॉर क्वालिटी सिस्टम एण्ड मैनेज़मेंट रीप्रीजेंटेटीव'. प्रकाशित हो चुकी हैं।. सीमा गुप्ता. महा प्रबंधक,. नव शिखा पोली पैक इंडस्ट्रीज. प्लॉट नं॰ १९४, फेज़-१. उद्योग विहार, गुड़गाँव- १२२००१. कविता- मोहब्बत न कर. जजों की दृष्टि-. ६॰२, ६. औसत अंक- ६॰१. औसत अंक- ६॰५८७५. कोमल भ&...

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हिन्द-युग्म Hindi Kavita: पंकज बसलियाल खुश हैं

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हिन्द-युग्म. बाल-उद्यान. हिन्दी-ख़बरें. चित्रावली. फटाफट (25 नई पोस्ट):. Tuesday, January 15, 2008. पंकज बसलियाल खुश हैं. यूनिकवि प्रतियोगिता के दिसम्बर अंक के ८वीं पायदान पर कविता है पंकज बसलियाल. की ' मैं खुश हूँ'. पंकज बसलियाल. १२५ , शांतिनगर , ढालवाला,. पो.ओ. - मुनी की रेती ,. ऋषिकेश , उत्तरांचल , २४९२०१. पुरस्कृत कविता- मैं खुश हूँ. जी , मैं खुश हूँ . आपने सही सुना , कि मैं खुश हूँ . शायद आज किसी को रोते नहीं देखा ,. खुशी सही मायनों में वो ह&#237...मैं खुश हूँ" . ज&...प्रथम चरण के जजम&#2...द्व...

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हिन्द-युग्म Hindi Kavita: लज्ज़ते सहरा-नवर्दी दूरिये - मंजिल में है

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हिन्द-युग्म. बाल-उद्यान. हिन्दी-ख़बरें. चित्रावली. फटाफट (25 नई पोस्ट):. Sunday, November 30, 2008. लज्ज़ते सहरा-नवर्दी दूरिये - मंजिल में है. भगत सिंह विशेष'. की नवीं कड़ी. पिछली कड़ियाँ. ऐ शहीदे मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार. आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है. क्या तमन्ना-ऐ- शहादत भी किसी के दिल में है (1). क्या तमन्ना-ऐ- शहादत भी किसी के दिल में है (2). देखना है ज़ोर कितना बाज़ू ए कातिल में है. सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है. तरुण इटली ने'. वही लेख वही पृष्ट). पृष्ठ 261). 4 सभी प&#23...

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हिन्द-युग्म Hindi Kavita: एह दशहरा में कवनो पुतला ना,मन के रावण के तन जरावे के

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हिन्द-युग्म. बाल-उद्यान. हिन्दी-ख़बरें. चित्रावली. फटाफट (25 नई पोस्ट):. Sunday, October 17, 2010. एह दशहरा में कवनो पुतला ना,मन के रावण के तन जरावे के. की यह भोजपुरी ग़ज़ल प्रस्तुत कर रहे हैं।. सम्प्रति: क्रियेटिव हेड, हमार टीवी, नोएडा. फूल के अस्मिता बचावे के. कांट चारो तरफ उगावे के. बाटे बहार गुलशन में. आईं सहरा में गुल खिलावे के. ऊ जे तूफान के बुझा देवे. एगो अइसन दिया जरावे के. एह दशहरा में कवनो पुतला ना. मन के रावण के तन जरावे के. तय कइल ई बहुत जरूरी बा. का कहना है कि -. October 17, 2010 1:58 PM.

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हिन्द-युग्म Hindi Kavita: देखना है ज़ोर कितना बाज़ू ए कातिल में है...

http://kavita.hindyugm.com/2008/10/blog-post_1173.html

हिन्द-युग्म. बाल-उद्यान. हिन्दी-ख़बरें. चित्रावली. फटाफट (25 नई पोस्ट):. Saturday, October 04, 2008. देखना है ज़ोर कितना बाज़ू ए कातिल में है. भगत सिंह विशेष'. श्रृंखला में आप पढ़ रहे है प्रेमचंद सहजवाला. की कलम से भगत सिंह के जीवन के बारे में। पहली. तीसरी कड़ी की पहली किस्त. व दूसरी किस्त. प्रकाशित कर चुके हैं। अब हम ला रहे हैं इसी श्रृंख्ला की अगली कड़ी. फटाफट अपनी राय देः. प्रेषक : नियंत्रक । Admin. चेप्पियाँ : mozang house. इन्हें भी पढ़ें. आप क्या कहना चाहेंगे? तपन शर्मा. October 05, 2008 12:16 PM.

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कहानी-कलश: शिखर-पुरुष : ज्ञानप्रकाश विवेक की चर्चित कहानी

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मुखपृष्ठ. बाल-उद्यान. सांस्कृतिक-ख़बरें. चित्रावली. पुस्तकें. Monday, May 18, 2009. शिखर-पुरुष : ज्ञानप्रकाश विवेक की चर्चित कहानी. इस बार हम चर्चित कहानीकार ज्ञानप्रकाश विवेक. शिखर-पुरुष. मैंने एक बार फिर कहा "हम किसी जल्दी में नहीं है- न आप, न मैं। आप चेयर लीजिए, बैठिए और अपना नाम एक बार फिर .". तुम्हारे जैसा एक अदद कॉर्टून! यादों के खँडहर में भटकना भी कौन चाहता है! यादें होती भी क्या हैं! ठीक कह रही हूँ न बन्नी! शायद तुमने मेरी कुछ बातें गा&#...लेखक परिचय. नौ कहानी-संग्रह. प्रकाशित ज...धूप क&#23...

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कहानी-कलश: June 2010

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मुखपृष्ठ. बाल-उद्यान. सांस्कृतिक-ख़बरें. चित्रावली. पुस्तकें. Monday, June 28, 2010. कम्पनी-राज ‍ः गौरव सोलंकी. कम्पनी-राज. लेखक परिचय- गौरव सोलंकी. पढ़ी जा सकती हैं।. स्मोक(10:25) – हाय. स्मोक(10:25) – हाउ आर यू? स्मोक(10:27) – आर यू देयर? स्मोक(10:31) -? लिप्स(11:48) – आर यू अमित? स्मोक(11:49) – नो.आई एम उदय स्मोक(11:50) – एंड यू. स्मोक(11:52) -? स्मोक(12:07) – आई एम उदय लिप्स(12:08) – आई एम कनिका. क्लाउड(09:38) – हाय लिप्स! कॉफी पीने चलोगी? लिप्स(09:41) – हू आर यू? लिप्स(09:49) – ओह! लिप्स...लिप...

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कहानी-कलश: December 2009

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मुखपृष्ठ. बाल-उद्यान. सांस्कृतिक-ख़बरें. चित्रावली. पुस्तकें. Monday, December 21, 2009. औरांग उटांग- धीरेन्द्र अस्थाना. यह तो वह समय था न, जब आप दौड़ना छोड़ चुके होते हैं। तो फिर? यह तो घटना-विहीन, उत्सुकता से खाली और उबा देनेवाली शांत-सी जीवन-स्थितियों वाला समय था न। तो फिर? तो फिर? एक चीखता हुआ सा आश्चर्य मेरी चेतना पर ‘धप्प‘ से आ गिरा है।. सब जगह तो जा आया हूं।. मैं तो किसी की मदद के लिए आगे बढूं।. 8216;कहां जायेंगे भाई साहब? 8216;कौन मैं? कहीं नहीं जाना है? नमस्ते जी! 8216; प्रेम कहत&#23...8216;य&#2...

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अतुल शर्मा: तुम और मैं

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अतुल शर्मा. काकोरी. प्राथमिक शिक्षक. बर्ग वार्ता. ताऊनामा. तुम और मैं. Sunday, August 16, 2009 - - 12 टिप्पणियाँ. Amp;amp;amp;amp;amp;amp;amp;amp;amp;lt;br&amp;amp;amp;amp;amp;amp;amp;amp;gt;. मैंने हिम्‍मतों से हर पल को जीया है. असफलताओं के दौर को भी जी भर के जीया है. विष को कोई छूता भी नहीं. पर मैंने उसे शिव की तरह पीया है. जीवन के हर प्रश्‍न को. युधिष्ठिर की तरह हल किया है. पर उनसे क्‍या गिले‍शिकवे करूं. जिन्‍होंने हरदम मुझे ठगा है. कहना है तो सिर्फ इतना ही. Feed You can leave a response. बेहतर&...

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अतुल शर्मा: सेना और उनके सेना नायक

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अतुल शर्मा. काकोरी. प्राथमिक शिक्षक. बर्ग वार्ता. ताऊनामा. सेना और उनके सेना नायक. Saturday, February 07, 2009 - - 30 टिप्पणियाँ. दिनों. श्रीराम. अनेकों. श्रीराम. 8205; यक्तियों. मानसिकता. 8205; येय. उद्देश्. 8205; यक्ति. 8205; था. लडकियों. दुकानें. 8205; या. 8205; हें. कानूनी. कार्यवाही. 8205; था. लोगों. श्रीराम. 8205; यों।. श्रीराम. श्रीराम. लोगों. श्रीराम. विरोधी. 8205; या. 8205; हें. चाहिए।. पाकिस्. 8205; तान. देशों. जाएगा।. लडकियों. 8205; कार. जाएं।. 8205; हें. रोकिए।. लडकियों. 8205; वार. आप सब क&#2...

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हिन्द-युग्म. बाल-उद्यान. हिन्दी-ख़बरें. चित्रावली. फटाफट (25 नई पोस्ट):. Thursday, June 04, 2015. क्यूँ बांधते हो. अपने को.…. अपनों को।. बंधन के तीन कारण. भाव, स्वभाव और अभाव. और दो विकल्प है ,. मन और जिस्म।. मन की गति अद्भुत है.…. जब अपना न बन्ध सका ,. तो पराये पर जोर कैसा? बंधना - बांधना छोड़ो- -दृष्टा बनो . क्या कहा? बंधोगे जिस्म को . अरे उसकी गति तो. मन से भी द्रुत है. फ़ना हो जायेगा. और पता भी नहीं चलेगा।. फटाफट अपनी राय देः. प्रेषक : Vinaykant Joshi. 68 टिप्पणी. Wednesday, February 11, 2015. और ह&#23...

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