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जनगाथा: April 2015
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समकालीन लघुकथा के विचार एवं रचना-पक्ष की अव्यावसायिक ब्लॉग पत्रिका. Wednesday 22 April 2015. कथाकार पृथ्वीराज अरोड़ा से मुलाकात. बेटी तो बेटी होती है. कथा नहीं. जैसी कथ्य. सामाजिक सरोकारों से ओतप्रोत लघुकथाओं का संग्रह. तीन न तेरह. हर लघुकथा. प्रेमी के खजाने में होना चाहिए। उसके लेखक. अविराम साहित्यिकी. के लघुकथा विशेषांक. का संपादन करने के क्रम में उनसे. मेरी लघुकथा यात्रा. हम यानी अशोक भाटिया. मित्रों-परिचितों को पहचानते हैं. यह देखकर अपार दु:ख हुआ। भाभी जी...बुनियाद. समझदार पुत्र...क्या...
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साखी: July 2010
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अभियान के साथी. शुक्रवार, 30 जुलाई 2010. अरुणा राय की कविताएं. अरुणा राय. सम्प्रति शासकीय सेवा में कार्यरत हैं ।. अरुणा राय की कुछ रचनायें प्रस्तुत हैं. हाँ जी, इन दिनों हम. में हैं. अब यह मत पूछिएगा कि. हवाओं के, चांदनी के या. रेत के. बस प्यार है और हम. लिखते चल. रहे हैं कोई नाम. जहाँ-तहाँ और उसके आजू. लिख दे रहे हैं पवित्र. मासूम निर्दोष. और यह सोचते हैं कि ये. उसे ज़ाहिर कर देंगे या. ढंक लेंगे. आजकल कभी भी खटखटा देते. एक दूसरे का हृदय. और हड़बड़ाए से कह. बैठते हैं. जाते हैं. था नंबर. मुक्त...फिर...
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सुमरनी: September 2011
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स्मृतियों का संग्रहालय. Sunday, September 11, 2011. अनशन: 12 दिन और 11 साल. की सर्वोच्च संस्था संसद को भी दिन में तारे दिखा दिए।. पूरा देश अभी अन्ना के आंदोलन की आधी जीत पर खुश है। संसद. उस लौह महिला को सलाम करते चंद दोहे -. गांधी से अन्ना तलक, अनशन के कई रूप. चले जो 11 साल तक, वह अनशन भी खूब. 12 दिन अनशन चला, देश गया ज्यों जाग. न बदला 11 साल में, मणिपुरियों का भाग. मीडिया से सरकार तक, था अन्ना का शोर. किसको फुरसत थी करे शर्मिला पर गौर. Links to this post. शर्मिला. Subscribe to: Posts (Atom). बेकल...
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सुमरनी: October 2012
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स्मृतियों का संग्रहालय. Thursday, October 18, 2012. कतरा कतरा जिंदगी लगे. कतरा कतरा जिंदगी लगे. दर्द की तन्हा नदी लगे. मेहमान बनके आई है खुशी. और उधार की हंसी लगे. अपने से लगें ये अंधेरे. क्यों पराई रोशनी लगे. ढह गए यकीन के किले. दिलफरेब आशिकी लगे. है वही जमीन ओ आस्मां. बदला बदला आदमी लगे. झूठ और गवाह पर टिका. इंसाफ भी तेरा ठगी लगे. पीछा करना भी ख्वाब का. क्यों उन्हें आवारगी लगे. सहमा सहमा सा है ये समा. और उदास चांदनी लगे. तेरी रहनुमाई भी कमाल. रहबरी भी राहजनी लगे. Subscribe to: Posts (Atom). जरी ...
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सुमरनी: July 2012
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स्मृतियों का संग्रहालय. Friday, July 13, 2012. उजड़े गांवों का राग - तीन. विस्थापन की दुनिया. नया धांईं. नये धांई की सच्चाई. सविता की मां लक्ष्मी बाई. राजेश की चार साल की बिटिया रवीना. Labels: गांव. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. सुमरन कर ले खूब. धरती और आकाश का,. सुमरन कर ले खूब,. रात सुमरनी चांदनी,. सुबह सुमरनी धूप. पहर, घड़ी, घंटे, दिना,. सुमरे महीना,साल,. सुमर कि ज्यों मेहंदी करे. हाथ-हथेली लाल. हंसी सुमर, आंसू सुमर,. खूब सुमर मुस्कान,. जब तक बरसें बदरवा,. नया साल. आनंद ...
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सुमरनी: February 2013
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स्मृतियों का संग्रहालय. Sunday, February 10, 2013. यारब तराना हराम कैसे. कश्मीर में गीत-संगीत के खिलाफ एक मुफ्ती के फतवे का विरोध. और लड़कियों के प्रगाश बैंड के समर्थन में खुदा के बंदों से सवाल. गाना बजाना हराम कैसे. यारब तराना हराम कैसे. दिल को मेरे सुकून आए. तो गुनगुनाना हराम कैसे. दिल दुखाना गुनाह बेशक. पर गीत गाना हराम कैसे. कव्वाली, ठुमरी, राई, राक. ये सब खजाना हराम कैसे. मौसि़की है खुदा की नेमत. तो सुर सजाना हराम कैसे. मंजूर दिल की धड़कनें तो. ढोल बजाना हराम कैसे. Labels: ग़ज़ल. नया साल. बेक...
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लघुकथा-वार्ता: September 2014
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लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. शुक्रवार, 12 सितंबर 2014. क्या लघुकथा अपना सर्वोत्तम समय देख चुकी- उमेश महादोषी. चित्र:बलराम अग्रवाल. उमेश महादोषी:. नयी पीढ़ी के लघुकथाकार अलग-अलग कुछ अच्छी लघुकथाएं. देते रहे हैं। परन्तु अपने समग्र लघुकथा लेखन से उस तरह प्रभावित कर पाने. में सफल नहीं दिखते. जैसा उन्हें होना चाहिए या फिर जैसा आठवें दशक में. बलराम अग्रवाल. उमेश महादोषी:. जुड़े हैं. बलराम अग्रवाल. उमेश महादोषी:. होने चाहिए. बलराम अग्रवाल. बाद की...
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लघुकथा-वार्ता: February 2014
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लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. सोमवार, 3 फ़रवरी 2014. रूप देवगुण से प्रश्न-बातचीत. प्रो॰ रूप देवगुण के सवालों के जवाब बलराम अग्रवाल द्वारा. चित्र:बलराम अग्रवाल. हिन्दी लघुकथा के वरिष्ठ हस्ताक्षर प्रो॰ रूप देवगुण का एक प्रश्न-पत्रक कल प्राप्त हुआ है. लेकिन बात क्योंकि. लघुकथा के पूर्ण रूप से मूल्यांकन. के मेरी ओर से उत्तर. निम्नवत हैं. 2416; आपकी प्रथम लघुकथा कब और किस समाचार-पत्र. मलयालम की चर्चित लघुकथाएँ. 8217; (1997;. 8217;(2010), ‘. 2416; आपकी...
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सुमरनी: January 2011
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स्मृतियों का संग्रहालय. Wednesday, January 26, 2011. एक पाक साफ इंसान को नहीं मिला इंसाफ. 8216;जग में बहुत लुटेरा ऊ, केकरा केकरा नाम बतावा? विनायक सेन को देशद्रोह में उम्रकैद की सजा की खबर इतने दिन बाद भी एक मजाक लगती है। आखिर कैसे कोई अदालत यह निर्णय दे सकती है? विनायक सेन के संघर्ष को सलाम करते दो गीत. बोल विनायक बोल. बोल विनायक बोल. क्यों गरीब का लोकतंत्र में अब तक पत्ता गोल. बोल विनायक बोल. बोल विनायक बोल. बोल विनायक बोल. बोल विनायक बोल. बोल विनायक बोल. बोल विनायक बोल. ओ कानून कसाई. रोग कí...