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अविराम: 03/04/15
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समग्र साहित्य का मासिक संकलन (इस ब्लॉग पर प्रकाशित सामग्री मुद्रित प्रारूप में प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका "अविराम साहित्यिकी" से अलग है।). आपका परिचय. बुधवार, 4 मार्च 2015. ब्लॉग का मुखप्रष्ठ. अविराम ब्लॉग संकलन :. वर्ष : 4, अंक. जनवरी-फ़रवरी 2015. प्रधान संपादिका :. मध्यमा गुप्ता. संपादक :. डॉ. उमेश महादोषी. मोबाइल: 09458929004). संपादन परामर्श :. डॉ. सुरेश सपन. ई मेल :. लेवल/खंड में दी गयी है।. छाया चित्र : श्रद्धा पाण्डेय. 2404;।सामग्री।।. सम्पादकीय पृष्ठ. सम्पादकीय पृष्ठ. कविता अनवरत. महेश प...
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ज़िन्दग़ी के आकाश में: September 2014
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ज़िन्दग़ी के आकाश में. उमेश महादोषी की क्षणिकाओं की प्रस्तुति. Wednesday, September 3, 2014. विगत एक वर्ष में लिखी गई क्षणिकाओं में कुछ ये भी हैं-. नागफनी के जंगल में. उगा है. क्या इतना काफी नहीं है. इसे समझने के लिए? नागफनी के जंगल में. जरूर उगा है. पर इसने अपने हाथों से. उगाये हैं. कुछ गुलाब. कुछ सूरजमुखी! पहचान का क्या. और अर्थ का भी. क्या करुंगा! शब्द होना ही. मेरे लिए. समुन्दर होना है! जीवन पुस्तक. समर्पित की मैंने. एक प्रश्न को-. 8216;क्या तुम मुझे. सचमुच प्रेम करते हो! Subscribe to: Posts (Atom).
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ज़िन्दग़ी के आकाश में: March 2011
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ज़िन्दग़ी के आकाश में. उमेश महादोषी की क्षणिकाओं की प्रस्तुति. No posts. Show all posts. No posts. Show all posts. Subscribe to: Posts (Atom). अविराम/समग्र साहित्य का त्रैमासिक संकलन. कथायात्रा/बलराम अग्रवाल का लघुकथा लेखन. काव्य-कलश/नारायण सिंह निर्दोष का ब्लाग. छंद प्रसंग. जनगाथा/बलराम अग्रवाल संचालित विविध लघुकथाकारों की लघुकथाओं का ब्लाग. बिन कहे रहा न जाये. बोतल खाली नहीं है/उमेश महादोषी की कविताएँ. कुछ और क्षणिकाएँ. मेरे बारे में. उमेश महादोषी. View my complete profile.
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ज़िन्दग़ी के आकाश में: November 2010
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ज़िन्दग़ी के आकाश में. उमेश महादोषी की क्षणिकाओं की प्रस्तुति. Monday, November 8, 2010. पेंतीस. अस्तित्व. ढूँढ़ती. तुम्हारी. तुम्हारी. सेंतीस. ढूंढे. ढूंढें. रेगिस्तान. विश्वास. प्रस्तुतकर्ता. उमेश महादोषी. लेबल: क्षणिकाएं. Subscribe to: Posts (Atom). अविराम/समग्र साहित्य का त्रैमासिक संकलन. कथायात्रा/बलराम अग्रवाल का लघुकथा लेखन. काव्य-कलश/नारायण सिंह निर्दोष का ब्लाग. छंद प्रसंग. बिन कहे रहा न जाये. मेरे बारे में. उमेश महादोषी. View my complete profile.
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ज़िन्दग़ी के आकाश में: March 2010
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ज़िन्दग़ी के आकाश में. उमेश महादोषी की क्षणिकाओं की प्रस्तुति. Friday, March 5, 2010. क्षणिकाएं / उमेश महादोषी. जब कभी/ मैंने. किसी पत्ते पर बैठकर. कोई नदी पार की है. मेरा वजन बढ गया है. और पत्ता/ मेरे लिए. बहती नदी को. पानी भी. आकाश नज़र आया. वह/ उठा और चला गया. नदी किनारे/ फिर. सरसों उगी. और मस्तक में. कोल्हू चला. पर/ लटकाकर उल्टा. उसके भाग्य को छत से. तेल सारा. राजा भोज पी गया. सेंजना. डूबती है गाय. कोई न बचाय. तू भी देख ले. ओ बे नियंता! तेरी हाय हाय हाय! प्रस्तुतकर्ता. Subscribe to: Posts (Atom).
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बिन कहे रहा न जाये: जनता सर्वोच्च और सर्वशक्तिशाली होती है/शक्तिवान
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बिन कहे रहा न जाये. उमेश महादोषी द्वारा प्रस्तुत-सम्पादित 'शक्तिवान' के व्यंग्य लेखों की श्रंखला. सोमवार, 8 मार्च 2010. जनता सर्वोच्च और सर्वशक्तिशाली होती है/शक्तिवान. सुना है तंत्रों में. ऐसे ओछी-खोटी बात फिर कभी करेंगे. फिलहाल तो लोकतंत्र का राग हमने किसी और बजह से अलापा है. आपकी जनता जरा-सी मंहगाई तो रोक नहीं पाई, फिर काहे की सर्वोच्च और सर्वशक्तिशाली है? 8217; पर यह क्या …? धंसा।. मनुँब्बल. प्याला. सुड़कते. मैंने. लोगों. दीवारों. लोकतंत्र. सर्वोच्च. सर्वशक्तिशाली. कंटीली. बढोत्तरी. 8230; …. ले...
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अविराम: 05/19/13
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समग्र साहित्य का मासिक संकलन (इस ब्लॉग पर प्रकाशित सामग्री मुद्रित प्रारूप में प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका "अविराम साहित्यिकी" से अलग है।). आपका परिचय. रविवार, 19 मई 2013. अविराम विस्तारित. अविराम का ब्लॉग :. वर्ष : 2, अंक : 8,. अप्रैल 2013. 2404;।कथा प्रवाह।।. सामग्री :. आधुनिक हिन्दी लघुकथाएँ' संकलन से. सिमर सदोष. वैतरिणी. छाया चित्र : उमेश महादोषी. डॉ. रमाकांत श्रीवास्तव. 8216;‘नीलू, कौन आया था, आज दोपहर घर पर? 8216;‘आपको कैसे पता चला? रेखा चित्र : नरेश उदास. 8216;‘देखिए, अनावश&...8216;‘एका...8216;R...
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यदा-कदा लेखन: May 2012
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यदा-कदा लेखन. उमेश महादोषी के कविता और क्षणिका से इतर लेखन की प्रस्तुति. Saturday, May 5, 2012. डा. उमेश महादोषी. दो लघुकथाएं. पब्लिक सेवा. 8216;मुझे कनेक्टीविटी-वनेक्टीविटी से कुछ नहीं लेना-देना। मेरा पेमेन्ट तुरन्त करवाओ, मैं और इन्तजार नहीं कर सकता।‘. कनेक्टीविटी आते ही आपके चैक का पेमेन्ट करवा दूंगा।’. 8216;आपने मुझे पहचाना? 8216;मेरा मतलब है कि. हम पहले भी मिल चुके हैं? 8217; जबकि आप चाहते तो इतनी देर में बातें करते-करते म...चने वाला. 8216;‘बाप रे! इतनी भीड़ में एक ल...मैं उससे ...भीड़...
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अविराम: 12/31/13
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समग्र साहित्य का मासिक संकलन (इस ब्लॉग पर प्रकाशित सामग्री मुद्रित प्रारूप में प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका "अविराम साहित्यिकी" से अलग है।). आपका परिचय. मंगलवार, 31 दिसंबर 2013. माँ की स्मृतियां. अविराम (ब्लॉग संकलन) :. वर्ष : 3, अंक :. नवम्बर-दिसम्बर 2013. उमेश महादोषी. माँ : अपेक्षा-रहित जीवन का उदाहरण. ऋषिकेष के पास लक्ष्मण झूला पर. पौत्र अभिशक्ति के बालपन को दुलारती हुई. अन्य पारिवारिक जनों के. साथ अभि को दुलारती हुई. कुछ भावपूर्ण मुद्राएँ. शादी के अवसर पर आशीर्वाद. 1987 का चित्र). 2404;।बा...राम...