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बतकही Batkahi...... कुछ औरों की कुछ अपनी!
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Amrendra nath Tripati
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बतकही Batkahi: भाषा तिजारती हो गई और लेखक दुकानदार! (LLF'13-Report)
http://www.batkahi.com/2013/04/llf13-reporting.html
मुख-पृष्ठ. भाषा-विमर्श. चचा ग़ालिब. सिनेमा. बुधवार, 24 अप्रैल 2013. भाषा तिजारती हो गई और लेखक दुकानदार! लखनऊ लिटरेरी फेस्टिवल-१३. भाषा तिजारती हो गई और लेखक दुकानदार! अटल तिवारी. अरे, इब्दिता हम करते। मेहनत हम करते। शब्द हम गढ़ते। माल वह काटते।’. फोटो: साभार, लखनऊ सेसाइटी). प्रस्तुतकर्ता. प्रतिक्रियाएँ:. लेबल: अतल तिवारी. बेकल उत्साही. 2 टिप्पणियां:. अनूप शुक्ल. 25 अप्रैल 2013 को 7:39 pm. उत्तर दें. संजय अनेजा. 25 अप्रैल 2013 को 7:50 pm. उत्तर दें. अधिक लोड करें. नई पोस्ट. खोजें. बचन परमप्रि...
बतकही Batkahi: भाषा-विमर्श
http://www.batkahi.com/p/blog-page_23.html
मुख-पृष्ठ. भाषा-विमर्श. चचा ग़ालिब. सिनेमा. भाषा-विमर्श. निम्नलिखित आलेख भाषा और लोकभाषाओं के पहलुओं से जुड़े हैं, शीर्षकों पर क्लिक करके आप पढ़ सकते हैं:. अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस और बांग्लादेशियों का मातृभाषा-प्रेम. मातरी भासा वाली बात हिन्दी मा भला कहाँ! हिन्दी-दंभ और आलोचक रामविलास शर्मा की लोकभाषा विरोधी चेतना. इस शाने-अवध ‘लखनऊ’ में कितनी अवधी? बहस-संग्रहण (२). देश भाषाओं के निमित्त हुई एक बहस! बहस-संग्रहण (१)]. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. मुख्यपृष्ठ. खोजें. मेरे मन! निराश...कल रì...
बतकही Batkahi: आचार्य रामचंद्र शुक्ल की ' अंतिम आकांक्षा ' ..
http://www.batkahi.com/2009/12/blog-post_18.html
मुख-पृष्ठ. भाषा-विमर्श. चचा ग़ालिब. सिनेमा. शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009. आचार्य रामचंद्र शुक्ल की ' अंतिम आकांक्षा ' . आचार्य रामचंद्र शुक्ल ( १८८४-१९४१ ) :. आचार्य रामचंद्र शुक्ल का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है आज हम हिन्दी. साहित्य के इतिहास को आचार्यवर से अलग करके नहीं देख सकते हिंदी साहित्य के इतिहास के. में व्यक्त है - -. अंतिम आकांक्षा. की छाया में पला है मैं इन्हें कैसे भूल सकता हूँ '. लोगों की अंतिम कामना रहती है कि वे क...यही है कि अंतिम समय मेरे स&...कवि सम्मलेन कीज...तब मैं भ&...मृत...
बतकही Batkahi: ‘चौराहे पर पुतला’: कला के स्वधर्म और मनुष्य के बौनेपन की ‘स्ट्रांगर, लांगर और थिकर
http://www.batkahi.com/2013/03/blog-post_13.html
मुख-पृष्ठ. भाषा-विमर्श. चचा ग़ालिब. सिनेमा. बुधवार, 13 मार्च 2013. 8216;चौराहे पर पुतला’: कला के स्वधर्म और मनुष्य के बौनेपन की ‘स्ट्रांगर, लांगर और थिकर’ कहानी. हाल ही में ‘नया ज्ञानोदय’ पत्रिका में प्रकाशित पुरुषोत्तम अग्रवाल. की कहानी ‘चौराहे पर पुतला’. फोटो, फ्लिकर. जिस प्यार से मैं हँसी थी, उसे बेतुकी तुलना में किसने बदला? आनंद पांडेय. प्रस्तुतकर्ता. प्रतिक्रियाएँ:. लेबल: Anand Pandey. 2 टिप्पणियां:. 13 मार्च 2013 को 10:39 am. उत्तर दें. सुमनकेशरी. 13 मार्च 2013 को 10:39 pm. नई पोस्ट. मे र...
बतकही Batkahi: यदि मै ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ भोजपुरी में लिखता तो यह उपन्यास अधिक प्रभावी होता. ~ आच&#
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मुख-पृष्ठ. भाषा-विमर्श. चचा ग़ालिब. सिनेमा. बुधवार, 21 सितंबर 2011. यदि मै ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ भोजपुरी में लिखता तो यह उपन्यास अधिक प्रभावी होता. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी. 8220;भोजपुरी का आज अनेक स्तरों पर विकास हो रहा है दरअसल अमानवीयकरण के दौर में लोकभाषाओं की अभिव्यक्ति ही अधिक कारगर होती है. मेरे गुरुदेव पंडित हजारी प्रसाद द्विवेदी अक्सर कहते थे की यदि मै. बाणभट्ट की आत्मकथा. मार्च की ‘हंस’ पत्रिका में सूचना।. यह एक अनिवार्य संदर्भ की तरह है. इसलिये बाद के. 8216; साहस. ५) कारण क्य...तुल...
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जिंदगी 16mm: May 2013
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हमन हैं इश्क मस्ताना.हमन को होशियारी क्या. छत्तीसगढ़ हमले पर माओवादियों की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज. जिस काण्ड को खुद कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को भी मजबूरन ‘नरसंहार’ बताना पड़ा था, उस पर इन नेताओं के मुंह पर ताले क्यों लग गए थे? बस्तर के गरीब आदिवासियों, बूढ़ों, बच्चों और महिलाओं पर लागू नहीं होता? प्रस्तुतकर्ता. प्रतिक्रियाएँ:. लेबल: नक्सलवाद. जी, ये भी एक ‘गांधी’ हैं. इस कहानी की. मेहरबान सपा सरकार. पार्टी विरोधी गांधी. रिजवान मलिक :. यार, हमसे पूछो मत . मैं...मोहम्मद सदर :. मैं ...मीट...
जिंदगी 16mm: July 2013
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हमन हैं इश्क मस्ताना.हमन को होशियारी क्या. आमिर खान का सेंस ऑफ बिजनेस- आमिर से गजेंद्र सिंह भाटी की बातचीत. उस वक्त उन्होंने ‘. लोगों. ने ‘. देखी। ‘. डेल्ही. में उनका पैसा लगा था। उन्हें पता था कि ‘. मैंने. डुबोने. हैं।. क्योंकि. बच्चों. फैमिली. कुछ घंटे पहले ही) बनाकर अपलोड कर दिये गए।. प्रोमो. मीडिया।. हैं।. आंखों. देखो।. आखिर में अंगुलियां चाटते हुए गुनगुनाते हैं, दिल. प्रोमो. जिसमें. जॉकोमॉन. डायरेक्टर. उन्होंने. प्रोग्रैम. डेल्ही. उन्हें. संहिता. टिप्पणी. मैंने. फैमिली. फैमिलीज. भी घर मे...2404; ह&#...
जिंदगी 16mm: April 2014
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हमन हैं इश्क मस्ताना.हमन को होशियारी क्या. फिल्म विचार को आगे नहीं ले जाती तो बेकार है : आनंद गांधी. आनंद गांधी कौन हैं? इन फ़िल्मकार का एक रोचक रूप देखना हो तो आगे बढ़ने से पहले Doppelgänger. देखें, हैरत होगी।. बनाई। तीन साल बाद आनंद ने पांच अध्याय वाली फ़िल्म ‘कंटिन्युअम’ ( हंगर. ट्रेड एंड लव. एनलाइटनमेंट. कंटिन्युअम. पिछले साल वह अपनी पहली फीचर फ़िल्म ‘ शिप ऑफ थिसीयस. अभी क्या करने में व्यस्त हैं? 8216;तुम्बाड’ कब तक रिलीज होगी? शायद सितंबर तक।. थीसियस का पौराणिक स&...या ये बीच म...मुझे...
जिंदगी 16mm: June 2013
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हमन हैं इश्क मस्ताना.हमन को होशियारी क्या. हिमालय बचेगा तो हम बचेंगे. के जुलाई, 2012 के अंक में छपे चारु तिवारी. के लेख को फिर से पोस्ट किया जा रहा है। इस उम्मीद के साथ कि हम कुछ सबक हासिल कर सकें-. उत्तराखंड. इन लोगों. अगर कहीं कुछ है ही नहीं तो धारी देवी में मारपीट की नौबत क्यों आ रही है? गंगा को. इन वैज्ञानिक. अब आते हैं नौकरी के सवाल पर. प्रस्तुतकर्ता. प्रतिक्रियाएँ:. अंबेदकर जयंती. जेब अख्तर. मुर्गे. तब ठीक है. और टेबुल? इ प्रजातंत्र है, उ मंत्राी...मालिक-वालिक कुछ...चनेसर, जब अभी स...ये ...
मन का पाखी: September 2011
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मन का पाखी. Sunday, September 25, 2011. दो वर्ष पूरा होने की ख़ुशी ज्यादा या गम. और मैने ". हाथों की लकीरों सी उलझी जिंदगी. लिख डाली. मैने समीर जी. से वादा भी किया था.कि डा. समीर. सब जैसे मेरे जाने-पहचाने हैं. प्रसंगवश ये भी बता दूँ कि ये 'नाव्या'. नाम मैने कहाँ से लिया था? मैने कहीं ये पढ़ा और ये नाव्या नाम तभी भा गया. नाम ऐसे ही चुना था :). हाथों की लकीरों सी उलझी जिंदगी. एक पोस्ट. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. उड़न तश्तरी . Dr Smt. Ajit Gupta.
जिंदगी 16mm: January 2013
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हमन हैं इश्क मस्ताना.हमन को होशियारी क्या. गुलजार की एक कविता. रोज़गार के सौदों में जब भाव-ताव करता हूँ. गानों की कीमत मांगता हूँ -. सब नज्में आँख चुराती हैं. और करवट लेकर शेर मेरे. मूंह ढांप लिया करते हैं सब. वो शर्मिंदा होते हैं मुझसे. मैं उनसे लजाता हूँ. बिकनेवाली चीज़ नहीं पर. सोना भी तुलता है तोले-माशों में. और हीरे भी 'कैरट' से तोले जाते हैं . मैं तो उन लम्हों की कीमत मांग रहा था. उम्र उधेड़ के,. साँसें. तोड़ के. देता हूँ. Ps:गुलज़ार साहब की किताब. छैंया-. प्रस्तुतकर्ता. लेबल: कविता. उन रंगो...
मन का पाखी: August 2010
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मन का पाखी. Tuesday, August 31, 2010. आँखों का अनकहा सच. दिया है ). यह सवाल खुद से भी कई बार पूछ चुकी पर जबाब कोई नही मिलता. वो चुप रही. हू इज शालिनी? फिर से अंग्रेजी पर आ गए ). इस बार मानस ने हँसते हुए कहा.'सर वो जो बेंच पर खड़ी रो रही है,ना.वही है शालिनी". सिट डाउन. सिट डाउन.ले जाओ अपनी कॉपी.गुड़, यू हैभ डन बेल ". बोले."ले जाओ अपनी कॉपी". वो भी हठी की तरह खड़ी रही. इस बार मानस उठ कर बोला."सर मैं दे आऊं? और हंस पड़ा. क्यूँ.". तुम्हार क्या नाम है? उसे बस आश्चर्य इस बात का ह&...फ़ेयरवेल ...अब वह उसकी...
मन का पाखी: December 2010
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मन का पाखी. Monday, December 27, 2010. कच्चे बखिए से रिश्ते (समापन किस्त ). गतांक से आगे. अब रोज भला कैसी होउंगी मैं.अच्छी मुसीबत, गले डाल दी है तुमने ". कृष्णा के यहाँ से? वो कुछ समझी नहीं. अच्छा.हाँ,मामाजी की बात तो आपने बतायी थी.कृष्णा के यहाँ की नही.". बस पांच-दस मिनट तो बैठता हूँ.क्या बताना इसमें.". वो तुम्हारे घर भी जाते हैं? अरे.कभी कभार.वो भी दस- पंद्रह मिनट के लिए.". पर तुमने कभी बताया नहीं.". इसमें बताने जैसा क्या.था.". मन खिन्न हो आया. आजकल वीरेंद&...क्यूंकि वीर&#...नहीं तो&#...हम्म....अब इसम&...
मन का पाखी: May 2010
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मन का पाखी. Monday, May 24, 2010. राम राम करके उपन्यास पूरा हुआ ,अब शुक्रिया कहने की बारी. यह उपन्यास या लम्बी कहानी( आयम स्टिल वेटिंग फॉर यू, शची). ने 'मेकिंग ऑफ द नॉवेल ' की डिमांड नहीं की होती और मुझपर इल्जाम भी है कि मैं mukti. तीसरी किस्त में दीपक 'मशाल'. ने कहा . 'खोकर पढता हूँ मैं तो, कैरेक्टर का नाम भी तो अपना ही है'. PD. ने तीनो किस्त एक साथ पढ़ी और बाकी के सारे किस्त उन्हें मेल मे...भी नहीं खाऊंगा .". चौथी किस्त में HARI SHARMA. जी ने इस डायलौग को उद्धí...शरद कोकास. किन्तì...ने ...
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Инновационный метод заработка в интернете - For-sage
Хотите зарабатывать в интернете, но терпите неудачи? Выделите несколько минут вашего внимания,. И вы решите эту проблему раз и навсегда! Огромное количество людей из разных стран зарабатывают деньги при помощи интернета. Не продавая, не рассылая спам, не проявляя навязчивость. Каким образом? Получите решение всего за несколько минут! Продолжительность: 4 мин 57 сек. Шесть месяцев в году, он проводит время на островах,. Зарабатывая деньги через интернет. Результат участия в программе индивидуален и может.
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batkahee
Friday, May 19, 2017. वैज्ञानिक आम के, उगा रहे बांस. Wednesday, November 18, 2015. गांवों में भी होती है कला, साहित्य व संस्कृति की खेतीः. Monday, October 26, 2015. Http:/ m.jagran.com/video/v13427.html. Sunday, June 21, 2015. Tuesday, April 14, 2015. पांच दिन से थाने में खड़ी मंत्री की गाड़ी. Labels: राजनीति चटखारे. Monday, April 13, 2015. गुलाबी पगड़ी का खौफ. Labels: राजनीति चटखारे. Saturday, August 9, 2014. Subscribe to: Posts (Atom). जो मैं हूं. View my complete profile. प्याज की खर...सरकार...
ऑफ द रिकॉर्ड
ऑफ द रिकॉर्ड. हक़ीक़त जो कहीं दर्ज़ नहीं होती! Monday, May 13, 2013. मिथिलेश श्रीवास्तव. Sunday, February 20, 2011. दिल, दोस्ती, मेट्रो और मोबाइल. घर से निकलते वक्त. चेहरे की मुस्कान-हंसी-ठहाके. और मीठी-मीठी बातें. घंटे भर की यात्रा में रगड़ खाने के बाद. खो जाती हैं कहीं. मेट्रो के एनाउंसमेंट. भीड़ की चिल्ल-पों और. नाक बहते किसी बच्चे के रोने में,. बदल जाता है चेहरे का भूगोल,. जुबान की मिठास. हो जाती है इतिहास,. कई बार टूटते हैं. कई बार जुड़ते हैं. दिल और मोबाइल।. हर बार उसे देखकर. I know you want it.
बतकही-रेडियोसखी ममता की।
बतकही-रेडियोसखी ममता की।. 2404;।फेसबुक पर रेडियोसखी।।. घर की बतकही. Tuesday, October 3, 2017. साठ बरस का सुरीला सफर. भाषा राग में बदल गई है. जज्बात. सागर बन गए हैं। उन्हें शब्दों में बांधना और. के ज़रिए. आप सब तक पहुंचाना बड़ा मुश्किल लग रहा है।. बात हुई थी. जिनकी आवाज पर पूरी दुनिया कुर्बान है. जिनके स्वर से घरों में आरती के स्वर पूरे होते हैं. जिनकी आवाज सुर-सरिता है. सुर कोकिला. और हां. उनके जन्मदिन के मौक़े पर. अचला नागर. कब्बन मिर्ज़ा. कांता गुप्ता. सूरज की तरह रोशनी द...उनके लिए ...जो ...
बतकही Batkahi
मुख-पृष्ठ. भाषा-विमर्श. चचा ग़ालिब. सिनेमा. गुरुवार, 24 अप्रैल 2014. जीता रहे यह साहस! अजीब इत्तेफाक है हामिद मीर से परिचित होने का! जीते रहें हामिद मीर और जीता रहे उनके संपादन में जारी जियो-न्यूज! जागे पाकिस्तानी आवाम और इस साहस से प्रेरणा ले हिन्दुस्तानी मीडिया! विकराल रात में इन चिरागों की बड़ी अहमियत है:. 8220;इसी खंडहर में कहीं कुछ दिये हैं टूटे हुए,. इन्हीं से काम चलाओ बड़ी उदास है रात! 8221;(फिराक़). हिन्दुस्तान में २९-अप्रैल’२०१४ को:. जनसत्ता में ५ मई-२०१४ को:. हामिद मीर. यहाँ से. कुछ जै...वह सî...
Bat Kalaayan
Includes unlimited streaming via the free Bandcamp app, plus high-quality download in MP3, FLAC and more. Dolmenia- Original soundtrack composed by Bat Kalaayan. Released September 15, 2015. Feed for this artist. Beginning of the end. D.A.C]. Switch to mobile view.
Bat Kama At ?
Telšiai [Lith], Telshi [Rus], Telzh [Yid], Telsze [Pol], Telsche [Ger], Telši [Latv], Telšē, Teltsch, Telshe, Telschi, Telsh, Telshie, Telšių, Telz. Why Bat kama at? Pourquoi Bat kama at? Fragility of Traces of the Past. The core of the project. Le coeur du projet. 500 faces,500 names. 500 visages, 500 noms. Le visage est ce qui nous interdit de tuer. Pedagogy Year by Year, 1924-1940. Archives Museum Alka Telsiai. Works of the students of Telsiai Academy of Art /. Advisory Committee/ Comite scientifique.
Betu blogja
Ha valaki még olvasná ezt a blogot, most ide sasoljon:. Http:/ tentito.blogspot.com. Új blogom, nulla magánélet, annál több mozi, zene, könyv. Egyelőre három bejegyzésnél tartok, de ez természetesen változni fog a jövőben. :). 1 Végre van munkám! Mostantól a Citi Bankban dolgozom majd amolyan adminisztrátor-féleként. Távol áll persze az újságírástól, de nem bánom, mert a saját szakmámban elég nehéz manapság munkát találni. Új Dream Theater sláger. Oda például szívesen elmennék, akárhányan is vannak. ...
Batkamanó - boldog babák boltja
Kisbabás anyukaként hihetetlen sok eldöntendő kérdéssel nézünk szembe, ahogy a kicsik nőnek. Ezen a honlapon igyekeztünk különleges, eredeti, és egyedi. Dolgokkal meglepni Benneteket. Itt nem a hagyományos bababolti termékeket találjátok, hanem olyan különlegességeket válogattunk össze, amelyek számunkra nagyon hasznosnak és praktikusnak bizonyultak, ugyanakkor egyediek. Ezekre a kérdéseinkre a puhatalpú cipők. Kal könnyen feldobhatjátok a gyerekszobát anélkül, hogy drága festékeket vásárolnátok. Rög...
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